“सौग़ात मुस्कुराने की “
आपकी ख़ुशी मेरी पहचान है,
आपकी मुस्कुराहट मेरी शान है,
इसके सिवा कुछ नहीं
मेरी ज़िंदगी में,
बस आप ही मेरी जान हो।
आपके हर ग़म को
अपना मैं बना लूं,
आपके हर दुःख को
सीने से लगा लूं,
आती नहीं है मुझे चोरी,
फ़िर भी आपकी आंखों से
सारे आंसू चुरा लूं।
फ़िजा में बहता नशा आप हो,
प्यार में छलकता जाम आप हो,
सीने में लिए घुमते हैं
यादें आपकी,
मेरी ज़िंदगी का
दूसरा नाम आप हो।
कुछ लोग शोहरत पर
नाज़ करते हैं,
कुछ लोग दौलत पर
नाज़ करते हैं,
हमारे पास तो सिर्फ़ आप हो,
इसलिए, हम आप पर
नाज़ करते हैं।
मेरे लिए आप एक
सुकून भरा एहसास हो,
चाहे मुझसे कितने भी
दूर रहते हो,
लगता है जैसे हर वक़्त
मेरे ही पास हो।
आपके होने से ही चलती हैं
सांसे मेरी,
आपके बिना दुनिया में
सबकुछ है सुना ।
मेरी ज़िंदगी का ‘पता’
बहुत ख़ूबसूरत है,
क्योंकि, इसमें मेरे साथ हमेशा
आप रहते हो!
मांगी थी ईश्वर से ये
दुआ मैंने कब से,
देना एक हमसफ़र,
जो हो अलग सबसे,
प्रभुने मिलन करा दिया आपसे,
बोला यही अनमोल है सबसे।
आओ करते हैं वादा
ज़िंदगी भर के लिए
एक दूसरे को मुस्कुराने की सौग़ात देंगे!
डॉ दक्षा जोशी
अहमदाबाद
गुजरात ।